राजस्थान एवं भारत की सरकारी योजनाएं 2024-25 (भाग-5)
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY)
शुरुआत वर्ष: 2000
प्रशासित मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय
उद्देश्य:
- ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करना।
मुख्य विशेषताएं:
- पात्रता:
- मैदानी क्षेत्र: 500 से अधिक जनसंख्या वाले गांव पात्र हैं।
- पहाड़ी, जनजातीय, और रेगिस्तानी क्षेत्र: 250 से अधिक जनसंख्या वाले गांव पात्र हैं।
- PMGSY चरण:
- चरण II: 2013 में लॉन्च किया गया।
- चरण III: 2019 में लॉन्च, 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य।
- लक्ष्य: ग्रामीण कृषि बाजारों, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों और अस्पतालों को कनेक्टिविटी प्रदान करना।
- 1.25 लाख किमी सड़क का निर्माण किया जाना है।
- चरण IV: 2024 में लॉन्च, 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य।
- लक्ष्य: 25,000 बस्तियों में 62,500 किमी सड़क का निर्माण।
- उपलब्धियां:
- सभी चरणों में कुल 6 लाख किमी सड़क का निर्माण किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का उद्देश्य ग्रामीण कनेक्टिविटी को बढ़ाना है, जिससे गांवों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले और सभी मौसम की सड़कें उपलब्ध हों।
सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY)
शुरुआत तिथि: 11 अक्टूबर, 2014
प्रशासित मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय
उद्देश्य:
- ग्रामीण विकास में तेजी लाना।
- स्वनिर्भर गांव बनाना। प्रावधान:
- गांव चयन:
- 2019 तक: प्रत्येक सांसद को 3 गांवों का चयन करना था।
- पहला मॉडल गांव 2016 तक, और दो और गांव 2019 तक।
- 2020 से 2024 तक: 5 और गांवों का चयन, जिससे 2024 तक प्रत्येक सांसद के कुल 8 स्मार्ट गांव हो जाएंगे।
- लोकसभा सांसद: अपनी निर्वाचन क्षेत्र के भीतर एक ग्राम पंचायत का चयन करें।
- राज्यसभा सांसद: राज्य में किसी भी ग्राम पंचायत का चयन करें।
- नामित सांसद: देश में किसी भी ग्राम पंचायत का चयन करें।
- वित्तपोषण:
- MPLAD फंड (सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना)।
- ग्राम पंचायत विकास के लिए CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व)।
- मनरेगा फंड।
- ग्राम पंचायत राजस्व।
गांव की जनसंख्या आवश्यकता:
- मैदानी क्षेत्र के गांव: 3,000 से 5,000।
- पहाड़ी गांव: 1,000 से 3,000।
सांसद आदर्श ग्राम योजना सांसदों को गांवों को आत्मनिर्भर और मॉडल समुदायों में विकसित करने के लिए नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित करती है, समावेशी विकास को बढ़ावा देती है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)
टैगलाइन: “एक कदम स्वच्छता की ओर”
समयावधि:
2 अक्टूबर, 2014 से 2 अक्टूबर, 2019 (महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के साथ)।
उद्देश्य:
सार्वभौमिक स्वच्छता और सफाई हासिल करना।
भारत को खुले में शौच मुक्त (ODF) बनाना।
ठोस और तरल कचरा प्रबंधन।
लक्ष्य: 11 करोड़ शौचालयों का निर्माण।
नोडल एजेंसी: पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय।
स्वच्छ भारत मिशन II (SBM II):
समयावधि: 2020-2024।
उद्देश्य:
ODF+ स्थिति प्राप्त करना, जिसमें ग्रामीण भारत में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना।
खुले में शौच को रोकने के लिए आदत निर्माण को प्रोत्साहित करना।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का उद्देश्य स्वच्छ और स्वस्थ भारत प्राप्त करना है, स्वच्छता को बढ़ावा देना, खुले में शौच को रोकना और कचरे का प्रबंधन करना। इसके तहत SBM II में सतत प्रथाओं और ग्रामीण स्वच्छता अवसंरचना में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
आयुष्मान भारत
घोषणा: फरवरी 2018
शुरुआत: 28 सितंबर, 2018 (रांची, झारखंड से)
प्रशासित मंत्रालय: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
उद्देश्य:
मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना का विकास: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना।
सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) प्राप्त करना: सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित करना।
लाभार्थी: BPL परिवार और असंगठित क्षेत्र में मजदूर।
स्वास्थ्य बीमा कवरेज:
55 करोड़ से अधिक लोगों को 12 करोड़ परिवारों से 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करता है।
दो मुख्य घटक:
स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र:
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 1.5 लाख से अधिक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY):
बीमा कवरेज: माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये।
कवरेज का दायरा: 10 करोड़ से अधिक परिवार पंजीकृत।
अस्पताल में भर्ती से 3 दिन पहले और छुट्टी के 15 दिन बाद का खर्च शामिल है।
कार्यान्वयन एजेंसी: राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA)
हाल की पहल:
आयुष्मान भव अभियान (सितंबर 2023): ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और आयुष्मान भारत योजनाओं को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित।
सितंबर 2024 से परिवर्तन:
बीमा कवरेज में वृद्धि:
5 लाख रुपये बीमा के साथ-साथ 70 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए 5 लाख रुपये का अतिरिक्त टॉप-अप बीमा।
आयुष्मान भारत का उद्देश्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करना और स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करना है। इसके दो घटक—स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र तथा PM-JAY—आर्थिक रूप से कमजोर समूहों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में काफी सुधार कर चुके हैं। बीमा कवरेज का विस्तार वृद्ध नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)
शुरुआत वर्ष: 2013
उद्देश्य:
- स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना: ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार।
- मातृ मृत्यु दर (MMR) को कम करना: 1 प्रति 1,000 जीवित जन्मों तक लक्ष्य।
- शिशु मृत्यु दर (IMR) को कम करना: 25 प्रति 1,000 जीवित जन्मों तक लाने का लक्ष्य।
- प्रजनन दर को नियंत्रित करना: कुल प्रजनन दर को 2.1 पर लाना।
- बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण: संक्रामक और गैर-संक्रामक दोनों बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करना।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना तैयार करना और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, प्रजनन दर और बीमारी नियंत्रण सहित प्रमुख स्वास्थ्य संकेतकों में महत्वपूर्ण सुधार प्राप्त करना है।
मिशन शक्ति
अवधि: 2021-22 से 2025-26
उद्देश्य:
- महिलाओं के सशक्तिकरण और कल्याण से संबंधित योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करना।
उप-योजनाएं:
- समर्थ्य:
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना: गर्भवती महिलाओं के लिए समर्थन।
- उज्ज्वला: पारंपरिक खाना पकाने के तरीकों को कम करने के लिए एलपीजी सब्सिडी।
- स्वाधार गृह (शक्ति सदन): संकटग्रस्त महिलाओं के लिए आश्रय।
- कार्यरत महिला हॉस्टल (सखी निवास): कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास।
- क्रेच योजना: बाल देखभाल सुविधा का समर्थन।
- संबल:
- वन स्टॉप सेंटर: हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए समर्थन।
- 181 महिला हेल्पलाइन: जरूरतमंद महिलाओं को सहायता और जानकारी।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ: लड़कियों की स्थिति में सुधार।
- नारी अदालत: महिलाओं के मुद्दों के लिए स्थानीय विवाद समाधान।
चुनौतियां:
- अंतर-विभागीय समन्वय: योजनाओं के निर्बाध कार्यान्वयन के लिए विभिन्न विभागों और मंत्रालयों के बीच समन्वय में कठिनाई।
- जागरूकता: ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के कल्याण योजनाओं के बारे में जागरूकता कम है।
निष्कर्ष: मिशन शक्ति कई हस्तक्षेपों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने का एक व्यापक दृष्टिकोण है। अंतर-विभागीय समन्वय और जागरूकता बढ़ाने से अधिक प्रभावी और व्यापक कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY)
घोषणा: फरवरी 2024
अवधि: 2023-24 से 2026-27 (4 वर्ष)
बजट: 6000 करोड़ रुपये
वित्तपोषण: 50:50 (केंद्र: विश्व बैंक)
उद्देश्य:
- मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए एक डिजिटल मंच और औपचारिक पंजीकरण स्थापित करना।
लाभार्थी:
- मछुआरे, मत्स्य कर्मी, मत्स्य विक्रेता, मत्स्य कंपनियां, SHGs, FPOs आदि।
घटक:
- औपचारिकता और बीमा: पंजीकरण, एक्वाकल्चर बीमा।
- मूल्य श्रृंखला वृद्धि: मूल्य संवर्धन के लिए अनुदान (कुल निवेश का 25%-35%)।
- मछली उत्पाद की गुणवत्ता सुधार।
- परियोजना प्रबंधन।
चुनौतियां:
- डिजिटल साक्षरता: मछुआरों के बीच डिजिटल अपनाना, विशेष रूप से ग्रामीण तटीय क्षेत्रों में, चुनौतीपूर्ण है।
- वित्तपोषण और बीमा जागरूकता: वित्तीय अनुदान और बीमा योजनाओं की सीमित जागरूकता से अपनाने में रुकावट आती है।
निष्कर्ष: PM-MKSSY का उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र को आधुनिक बनाना और औपचारिक बनाना है, महत्वपूर्ण वित्तपोषण प्रदान करना और मूल्य श्रृंखला को बढ़ाना। डिजिटल साक्षरता की खाई को पाटना और प्रचार प्रयासों को बढ़ाना इसकी सफलता को बढ़ावा देगा।
NPS वात्सल्य योजना
- घोषणा: बजट 2024-25
- नियामक एजेंसी: पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA)
- उद्देश्य:अल्पावधि से बचत के माध्यम से नाबालिगों के लिए बेहतर आर्थिक भविष्य बनाना।
प्रावधान:
- 1000 रुपये प्रति माह का निवेश: माता-पिता मासिक निवेश कर सकते हैं।
- खाता पात्रता: जन्म से 18 वर्ष की आयु तक खोला जा सकता है।
चुनौतियां:
- प्रचार: माता-पिता को योजना के लाभों के बारे में शिक्षित करना चुनौतीपूर्ण है।
- खर्च वहन क्षमता: आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 1000 रुपये प्रति माह का योगदान चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
निष्कर्ष: NPS वात्सल्य नाबालिगों के भविष्य को सुरक्षित करने का एक आशाजनक तरीका है, लेकिन समाज के सभी वर्गों के बीच जागरूकता बढ़ाना इसकी व्यापक स्वीकृति के लिए महत्वपूर्ण होगा।
सहकारी अनाज भंडारण योजना
शुरुआत तिथि: 24 फरवरी 2019
उद्देश्य: भारत में खाद्य भंडारण अवसंरचना को बढ़ावा देना।
प्रावधान:
- पांच वर्षों में 700 लाख टन अनाज भंडारण का लक्ष्य।
- 11 PACS (प्राथमिक कृषि ऋण समितियों) में 11 राज्यों में परिचालित।
बजट: 2500 करोड़ रुपये
चुनौतियां:
- अवसंरचना की कमी: प्रभावी भंडारण अवसंरचना सुनिश्चित करना, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में चुनौतीपूर्ण है।
- रखरखाव समस्याएं: भंडारण सुविधाओं का रखरखाव महत्वपूर्ण है ताकि अपव्यय को रोका जा सके।
निष्कर्ष: सहकारी अनाज भंडारण योजना का उद्देश्य भंडारण में सुधार करना और कटाई के बाद होने वाले नुकसान को रोकना है। अवसंरचना की कमी को दूर करना और रखरखाव प्रथाओं में सुधार करना इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आवश्यक है।
नमो ड्रोन दीदी योजना
घोषणा: 2023
उद्देश्य: ड्रोन तकनीक के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षण और सशक्त बनाना।
लक्ष्य:
- पांच वर्षों में 1 लाख महिलाओं को प्रशिक्षण देना।
- 15,000 SHGs (स्वयं सहायता समूहों) को ड्रोन प्रदान करना।
चुनौतियां:
- कौशल विकास: महिलाओं को उन्नत ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षित करना, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, चुनौतीपूर्ण है।
- प्रौद्योगिकी तक पहुंच: उन्नत तकनीक तक पहुंच सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष: नमो ड्रोन दीदी योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना की सफलता के लिए तकनीक और कौशल प्रशिक्षण तक पहुंच में सुधार के प्रयास महत्वपूर्ण हैं।
अंत्योदय श्रमिक सुरक्षा योजना
शुरुआत तिथि: 8 जुलाई 2023 (नडियाद, खेड़ा जिला, गुजरात)
उद्देश्य: असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बीमा कवरेज प्रदान करना।
प्रावधान:
- 60,000 डाकघरों के माध्यम से 5 लाख या 10 लाख रुपये का बीमा।
- प्रीमियम: 5 लाख के लिए 289 रुपये और 10 लाख के लिए 499 रुपये का बीमा।
चुनौतियां:
- खर्च वहन क्षमता: कम आय वाले श्रमिकों के लिए प्रीमियम का भुगतान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- कवरेज जागरूकता: श्रमिकों को इस योजना और इसके लाभों के बारे में जागरूक करना एक मुद्दा बना हुआ है।
निष्कर्ष: अंत्योदय श्रमिक सुरक्षा योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के बीच वित्तीय सुरक्षा की आवश्यकता को पूरा करती है। जागरूकता बढ़ाना और खर्च वहन क्षमता में सुधार करना इसे अधिक प्रभावी बना सकता है।
जननी सुरक्षा योजना (JSY)
शुरुआत तिथि: 12 अप्रैल, 2005
योजना प्रकार: 100% केंद्रीय क्षेत्र योजना
उद्देश्य:
- गर्भवती महिलाओं के लिए संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करके मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना।
नकद सहायता:
- ग्रामीण महिलाएं: 1,400 रुपये।
- शहरी महिलाएं: 1,000 रुपये।
- आशा कार्यकर्ता:
- ग्रामीण क्षेत्र: 600 रुपये।
- शहरी क्षेत्र: 400 रुपये।
लाभार्थी:
- उच्च प्रदर्शन वाले राज्य: केवल BPL परिवारों की महिलाएं, जो 19 वर्ष से कम नहीं हैं।
- निम्न प्रदर्शन वाले राज्य (LPS): सभी महिलाएं पात्र हैं।
- निम्न संस्थागत प्रसव दर वाले राज्यों पर ध्यान केंद्रित: राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर।
- जननी सुरक्षा योजना का उद्देश्य संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना और विशेष रूप से निम्न प्रदर्शन वाले राज्यों में मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना है, गर्भवती महिलाओं और आशा कार्यकर्ताओं को वित्तीय सहायता और समर्थन प्रदान करके।
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