राजस्थान एवं भारत की सरकारी योजनाएं 2024-25 (भाग-9)
पीएम श्री स्कूल (PM Schools for Rising India)
- शुरुआत तिथि: सितंबर 2022।
- अवधि: 2022-2027 (5 वर्ष)।
- बजट: 27,360 करोड़ रुपये (5 वर्ष)।
- उद्देश्य: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार देशभर में 14,500 स्कूलों को उन्नत करना।
विशेषताएं:
- 14,500 स्कूलों का पुनर्विकास उन्नत सुविधाओं के साथ।
- प्रयोगशालाओं, स्मार्ट क्लास, खेल सुविधाओं, और खोज-उन्मुख शिक्षा का प्रचार।
- नेतृत्व भूमिका: पीएम श्री स्कूल आसपास के अन्य स्कूलों के लिए मॉडल के रूप में कार्य करेंगे।
- पहला चरण: राजस्थान से 402 स्कूलों का चयन, जिसमें जयपुर से 28 और जोधपुर से 24 शामिल।
चुनौतियां:
- इन्फ्रास्ट्रक्चर उन्नयन: अविकसित क्षेत्रों में स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मानकों पर लाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- संसाधन आवंटन: शैक्षिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधनों, जैसे शिक्षक और डिजिटल उपकरणों की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष: पीएम श्री स्कूल का उद्देश्य स्कूल शिक्षा को आधुनिक बनाना और उत्कृष्टता के मॉडल के रूप में सेवा करना है। इन्फ्रास्ट्रक्चर चुनौतियों का समाधान और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता प्रभावी कार्यान्वयन और शैक्षिक लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
मिश्टी योजना (MISHTI Scheme)
प्रशासित मंत्रालय:
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय।
उद्देश्य:
- समुद्र तट के किनारे मैंग्रोव वृक्षारोपण को बढ़ावा देना ताकि तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा हो सके और स्थानीय समुदायों को अतिरिक्त आय मिल सके।
प्रावधान:
- योजना का कार्यान्वयन CAMPA फंड (वनीकरण से संबंधित फंड) और MNREGA (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के माध्यम से होता है।
चुनौतियां:
- समुदाय की भागीदारी: मैंग्रोव संरक्षण में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- जलवायु प्रभाव: बढ़ते समुद्र स्तर और अन्य जलवायु परिवर्तन प्रभाव मैंग्रोव की वृद्धि और अस्तित्व को प्रभावित कर सकते हैं।
निष्कर्ष: मिश्टी योजना का उद्देश्य तटों की सुरक्षा और तटीय समुदायों के लिए आय के अवसरों को बढ़ाना है। समुदाय की प्रभावी भागीदारी और जलवायु चुनौतियों का समाधान सतत तटीय विकास को प्राप्त करने में मदद करेगा।
अमृत धरोहर योजना (Amrit Dharohar Yojana)
- घोषणा: बजट 2023-24।
- उद्देश्य: आर्द्रभूमियों का संरक्षण और उनके सतत उपयोग को बढ़ावा देना ताकि पारिस्थितिक संतुलन और जैव विविधता का समर्थन किया जा सके।
चुनौतियां:
- अतिक्रमण: कई आर्द्रभूमियों को अतिक्रमण और कृषि भूमि में परिवर्तित होने का खतरा है।
- जागरूकता: आर्द्रभूमियों के पारिस्थितिक महत्व के बारे में सीमित जागरूकता उनके संरक्षण में एक चुनौती है।
निष्कर्ष: अमृत धरोहर योजना का उद्देश्य आर्द्रभूमियों का संरक्षण करके पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना है। आर्द्रभूमियों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें अतिक्रमण से बचाना सफल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PM Kaushal Vikas Yojana – PMKVY)
- लॉन्च तिथि: जुलाई 2015।
- प्रशासित मंत्रालय: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय।
- उद्देश्य: बेहतर रोजगार के अवसरों के लिए 40 करोड़ युवाओं को कौशल विकास में प्रशिक्षित करना।
PMKVY 4.0:
- घोषणा: बजट 2023-24।
- अवधि: अगले 3 वर्ष। प्रावधान:
- देशभर में 30 कौशल इंडिया केंद्र स्थापित करना।
- रोबोटिक्स, इंडस्ट्री 4.0, एआई, आईओटी और ड्रोन प्रशिक्षण जैसे नए पाठ्यक्रम शामिल करना।
चुनौतियां:
- रोजगार नियुक्ति: प्रशिक्षित व्यक्तियों के लिए नौकरी की नियुक्ति सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
- प्रशिक्षण गुणवत्ता: प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखना और उद्योग मानकों को पूरा करना महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष: प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का उद्देश्य युवाओं को रोजगार के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना है। रोजगार के अवसरों में सुधार और उच्च-गुणवत्ता प्रशिक्षण मानकों को बनाए रखना कार्यक्रम की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन (Prime Minister PVTG Development Mission) लक्ष्य समूह:
- विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs), जिन्हें धेबर आयोग, 1973 द्वारा आदिम जनजाति के रूप में पहचाना गया।
घोषणा: बजट 2023-24।
बजट: 15,000 करोड़ रुपये।
उद्देश्य:
- भारत के 75 पीवीटीजी समूहों को सुरक्षित आवास, पेयजल, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना।
- राजस्थान में इसमें सहारिया जनजाति शामिल है, जबकि अधिकांश पीवीटीजी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पाए जाते हैं।
चुनौतियां:
- दूरस्थ पहुंच: कई पीवीटीजी समुदाय दूरस्थ क्षेत्रों में रहते हैं, जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना चुनौतीपूर्ण होता है।
- सांस्कृतिक संवेदनशीलता: पीवीटीजी की अनूठी सांस्कृतिक प्रथाओं और परंपराओं का सम्मान करते हुए विकास कार्यक्रमों का कार्यान्वयन सावधानीपूर्वक योजना की आवश्यकता है।
निष्कर्ष: प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन का उद्देश्य कमजोर जनजातीय समुदायों को उनके जीवन स्तर में सुधार के माध्यम से उठाना है। भौगोलिक बाधाओं को दूर करना और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील विकास कार्यक्रमों को सुनिश्चित करना इस मिशन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा।
भारत श्री योजना (BHARAT SHRI Scheme – Bharat Shared Repository of Inscriptions)
घोषणा: बजट 2023-24।
विशेषताएं:
- प्राचीन अभिलेखों को दस्तावेज़ीकरण और संरक्षित करने के लिए एक डिजिटल अभिलेखागार संग्रहालय स्थापित करना।
- भारत के एक लाख प्राचीन अभिलेखों का डिजिटलीकरण करना ताकि ऐतिहासिक शोध और सांस्कृतिक शिक्षा के लिए उन्हें सुलभ बनाया जा सके।
- हैदराबाद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा स्थापित किया जाएगा।
चुनौतियां:
- डिजिटलीकरण की गुणवत्ता: उच्च गुणवत्ता वाले डिजिटलीकरण और अनुवाद में सटीकता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- सुरक्षा चिंताएं: डिजिटल सामग्री को अनधिकृत पहुंच और संभावित दुरुपयोग से बचाना महत्वपूर्ण होगा।
निष्कर्ष: भारत श्री योजना का उद्देश्य प्राचीन अभिलेखों के डिजिटलीकरण के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना है। उच्च गुणवत्ता वाले डिजिटलीकरण को सुनिश्चित करना और डिजिटल डेटा की सुरक्षा इस पहल को सफल और सांस्कृतिक शोध के लिए मूल्यवान संसाधन बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (Green Hydrogen Mission)
घोषणा: बजट 2023-24।
प्रशासित मंत्रालय: नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय।
बजट: 19,700 करोड़ रुपये।
उद्देश्य:
- ऊर्जा और औद्योगिक क्षेत्रों को डीकार्बोनाइज़ करना और ग्रीन हाइड्रोजन को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में अपनाना।
लक्ष्य:
- 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना।
- ईंधन आयात में 1 लाख करोड़ रुपये की कमी करना।
- 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश और 6 लाख नौकरियों का सृजन।
चुनौतियां:
- उच्च उत्पादन लागत: ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन वर्तमान में महंगा है, जिससे जीवाश्म ईंधन के साथ प्रतिस्पर्धा करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन, परिवहन, और भंडारण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास एक प्रमुख चुनौती है।
निष्कर्ष: ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का उद्देश्य ऊर्जा और उद्योग क्षेत्रों में कार्बन न्यूट्रलिटी प्राप्त करना है। उच्च उत्पादन लागत का समाधान और मजबूत बुनियादी ढांचे की स्थापना इस मिशन के लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करने और स्वच्छ ऊर्जा की ओर परिवर्तन के लिए आवश्यक कदम हैं।
प्रधानमंत्री पोषण योजना (PM POSHAN Scheme – Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman Yojana)
घोषणा: सितंबर 2021।
अवधि: 2021-2025 (5 वर्ष)।
प्रशासित मंत्रालय: शिक्षा मंत्रालय।
उद्देश्य:
- सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के बच्चों को पका हुआ गर्म भोजन प्रदान करना।
विशेषताएं:
- मिड-डे मील योजना का प्रतिस्थापन: 11.8 करोड़ बच्चों को 11 लाख स्कूलों में कवर करता है।
- भोजन की मात्रा:प्राथमिक छात्रों (कक्षा 1-5) के लिए 100 ग्राम और उच्च प्राथमिक छात्रों (कक्षा 6-8) के लिए 150 ग्राम।
- पोषण उद्यान: विद्यालयों में पोषण उद्यान को बढ़ावा देना ताकि बच्चों को प्रकृति और बागवानी के साथ हाथों-हाथ अनुभव प्राप्त हो सके।
- तिथि भोज अवधारणा: स्थानीय समुदायों को विशेष अवसरों पर स्कूल के भोजन में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करना।
चुनौतियां:
- पोषण गुणवत्ता: भोजन की पोषण गुणवत्ता और स्वच्छता मानकों को सुनिश्चित करना एक प्रमुख चुनौती है।
- लॉजिस्टिक मुद्दे: सभी स्कूलों में, विशेष रूप से दूरस्थ क्षेत्रों में, समय पर भोजन की खरीद और आपूर्ति सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
निष्कर्ष: प्रधानमंत्री पोषण योजना का उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा में योगदान देने के लिए उन्हें उचित पोषण सुनिश्चित करना है। लॉजिस्टिक चुनौतियों का समाधान और भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करना छात्रों पर पोषण के सकारात्मक प्रभाव को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
श्री अन्न योजना (Shree Anna Yojana)
घोषणा: 2023-24।
उद्देश्य:
- मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देकर खाद्य और पोषण सुरक्षा प्रदान करना।
विशेषताएं:
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा भारत सरकार के अनुरोध पर वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया गया है।
- मोटे अनाज को अब ‘श्री अन्न’ के रूप में जाना जाता है, जिसमें बाजरा, ज्वार, रागी, कंगनी, कोदो, कुटकी आदि शामिल हैं।
- हैदराबाद स्थित भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को श्री अन्न अनुसंधान को बढ़ावा देने और भारत को बाजरा अनुसंधान के लिए वैश्विक केंद्र स्थापित करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र बनाया जाएगा।
चुनौतियां:
- किसान जागरूकता: बाजरा की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों में इसके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।
- बाजार मांग: अन्य अनाजों की तुलना में बाजरा की सीमित उपभोक्ता मांग किसानों द्वारा इसे अपनाने में बाधा बन सकती है।
निष्कर्ष: श्री अन्न योजना का उद्देश्य भारत को बाजरा उत्पादन और अनुसंधान में वैश्विक नेता बनाना है। किसानों और उपभोक्ताओं में बाजरा के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना योजना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा।
MSME प्रतिस्पर्धी LEAN योजना (MSME Competitive LEAN Scheme)
लॉन्च तिथि: मार्च 2023।
उद्देश्य: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए वैश्विक मॉडल रोडमैप विकसित करना।
विशेषताएं:
- उत्पादन प्रक्रिया में अपव्यय को कम करना।
- उत्पादन विधियों को अनुकूलित करके उत्पादकता बढ़ाना।
- गुणवत्ता में सुधार करना, उत्पादों से गैर-मूल्यवान वस्तुओं को हटाना। प्रशासित मंत्रालय:
- MSME मंत्रालय। नोडल एजेंसी:
- राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद। सलाहकार समर्थन:
- इस योजना के तहत केंद्र सरकार परामर्श शुल्क का 90% योगदान देगी।
चुनौतियां:
- LEAN तकनीकों का अपनाना: कई छोटे MSMEs सीमित समझ के कारण LEAN प्रथाओं को अपनाने में अनिच्छुक हो सकते हैं।
- विशेषज्ञता की पहुंच: गुणवत्तापूर्ण परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए कुशल सलाहकारों को ढूंढ़ना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
निष्कर्ष: MSME प्रतिस्पर्धी LEAN योजना का उद्देश्य MSMEs को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना और गुणवत्ता एवं उत्पादकता में सुधार करना है। MSMEs को व्यावहारिक सहायता प्रदान करना और LEAN प्रथाओं की समझ को बढ़ाना योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
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